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    Kisan Rail Roko Andolan: बुलंदशहर में ट्रेन ड्राइवर पर फूलों की वर्षा, मेरठ में रोकी ट्रेन, तस्‍वीरों में देखें आसपास के जिलों का हाल

    By Himanshu DwivediEdited By:
    Updated: Thu, 18 Feb 2021 04:48 PM (IST)

    रेल रोको आंदोलन के तहत मेरठ और आसपास के जिलों में रेलवे स्‍टेशन पर बैठ गए। बुलंदशहर के खुर्जा में किसानों ने ड्राइवर के उपर फूलों की बारिश की तो वहीं मेरठ में भी ट्रेन रोकी। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात की गई।

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    मेरठ और आसपास के जिलों में रेल रोको आंदोलन।

    मेरठ जेएनएन। तीनों कृषि कानून के विरोध में गुरूवार को किसानों ने रेल रोको आंदोलन किया। इसके मद्देनजर मेरठ और आसपास के जिलों में किसानों का आक्रोश दिखा। बुलंदशहर के खुर्जा रेलवे स्‍टेशन पर में किसानों ने एक घंटे तक गोमती नगर एक्‍सप्रेस को रोके रखा। इसी बीच में ड्राइवर पर किसानों ने फूलों की वर्षा की। वहीं मेरठ में किसानों के ट्रैक पर बैठने के कारण पहले ही साप्ताहिक बांद्रा रोक ली गई थी। मेरठ में करीब तीन बजे किसानों ने अपना धरना समाप्‍त कर दिया। वहीं आसपास के जिलों में यह आंदोलन 3.30 तक चला। बिजनौर के नजीबाबाद में भी किसानों के ट्रैक पर बैठने के कारण एक ट्रेने पहले ही रोक ली गई। इस आंदोलन के कारण सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और बागपत में भी कई ट्रेनों के संचालन में बाधा आई। यात्री परेशान नजर आए। इस दौरान भारी पुलिस बल पीएससी के साथ तैनात रही।  

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    मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन पर पहले ही रोक ली गई साप्ताहिक बांद्रा

    बांद्रा से चलकर हरिद्वार जाने वाली साप्ताहिक बांद्रा को रेलवे प्रशासन ने कैंट स्टेशन पर धरने को देखते हुए सिटी रेलवे स्टेशन पर ही रोक लिया गया। कैंट रेलवे स्टेशन अधीक्षक उपेंद्र सिंह ने बताया कि मेरठ सिटी स्टेशन पर साप्ताहिक बांद्रा अपने निर्धारित समय 12:25 बजे पहुंच गई थी। एहतियात के तौर पर रेल को सिटी स्टेशन पर रोका गया। 

    भाकियू जिलाध्यक्ष और पुलिस अधिकारियों में तैनाती 

    मेरठ अपर नगर मजिस्ट्रेट सुनीता सिंह के साथ पुलिस अधिकारी भाकियू किसानों के बीच रेलवे ट्रैक पर पहुंची और ज्ञापन सौंपकर धरना समाप्त करने का निवेदन किया। लेकिन भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने कहा कि वह चार बजे से पहले धरना समाप्त कर देंगे यदि एडीएम या डीएम मौके पर आकर उन्हें आश्वासन दें। इस बात पर एएसपी कैंट और सीओ ब्रहमपुरी ने उनके न आने की बात कही तो भाकियू पदाधिकारी उखड गए। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासनिक अधिकारी नहीं आते हैं तो वह होमगार्ड को भी ज्ञापन सौंप देंगे। यह जवाब सुनकर ACM सुनीता सिंह और पुलिस अधिकारी नाराज होकर किसानों के बीच से वापस लौट गए। लगभग तीन बजे भाकियू के पदाधिकारियों ने एसीएम सुनीता सिंह को ही ज्ञापन सौंपकर धरना समाप्‍त कर दिया। 

    सहारनपुर में किसान नेताओं ने की नारेबाजी

    कृषि कानून के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के रेल रोको आंदोलन के तहत टपरी स्टेशन पर किसान इकट्ठा हो गए। किसानों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी हुई है कि वह एक भी ट्रेन स्टेशन से नहीं गुजरने देंगे। भारतीय किसान यूनियन के 300 से अधिक लोग टपरी स्टेशन पर पहुंच गए हैं। हालाकि यहां पर किसी ट्रेन को रोकने की जानकारी नहीं मिली। भाकियू कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन देकर धरना समाप्‍त कर दिया।

     

    बिजनौर के नजीबाबाद में रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान

    नजीबाबाद के बाद पड़ने वाला मुअज्जमपुर नारायण रेलवे जंक्शन पर लगभग 12 बजे किसान जुट गए। ट्रैक पर दरी डालकर बैठ गए। इसे देखते ही पहले ही बिजनौर के नजीबाबाद रेलवे स्‍ट्रेशन पर जबलपुर हरिद्वार स्‍पेशल ट्रेन रोक ली गई। जोकि लगभग चार बजे तक स्‍टेशन पर ही खड़ी रही। वहीं कुछ मालगाड़िया भी फंसी रही। इसके अलावा हावड़ा देहरादूर स्‍पेशल ट्रेन भी नगीना रेलवे स्‍टेशन पर फंसी रही। इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। 

    बागपत के बड़ौत में ट्रैक पर बैठे रहे किसान 

    यहां शांतिपूर्ण तरीके से रेल रोको आंदोलन चला। हालाकि यहां से कोई भी ट्रेन होकर नहीं गुजरी। लगभग 3.20 मिनट पर किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर धरना समाप्‍त कर दिया। इस दौरान प्‍लेटफार्म पर भारी पुलिस बल तैनात रही। 

    स्‍टेशनों पर तैनात रही पुलिस बल 

    मेरठ और आसपास के रेलवे स्‍ट्रेशनों पर किसानों के इस आंदोलन के सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात की गई थी। बीच- बीच में पुलिस अधिकारी भी स्‍टेशनों का निरीक्षण करते हुए नजर आए। पुलिस बल के साथ ही पीएससी बल भी तैनात की गई थी। हल्‍की सी नोकझोक मेरठ सिटी स्‍टेशन पर पुलिस और किसानों के बीच देखने को मिली। लेकिन उसके बाद शांति से आंदोलन समाप्‍त हो गया।